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बहेगा। क्षेत्र के लोगों को सहूलियत होगी। आवागमन आसान होगा। 4- राशनकार्ड बनवाने के लिए मोहल्ले में कैंप लगवाया जाए। उसमें कार्ड बनाने के साथ ही नाम भी चढ़ाया जाए ताकि लोगों को विभाग का चक्कर न लगाना पड़े। 5- नगर निगम के वार्डों की तरह थानाक्षेत्रों का भी नये सिरे से सीमा निर्धारण होना चाहिए। इससे सीमा विवाद की स्थिति नहीं आएगी। कार्रवाई में तेजी आएगी। शिकायतें 1- पेयजल की पाइपलाइन नहीं बिछी है। प्लास्टिक की पाइप के सहारे घरों में पानी आ रहा है। कई बार पाइप फट जाने से परेशानी का समाना करना पड़ता है। 2- गलियों से लेकर घरों तक तारों का जाल है। पोल न होने से लोगों के घरों से तार गुजर रहे हैं। बारिश के दिनों में करंट फैलने का डर रहता है। 3- सीवर की सफाई न होने से सड़कों पर सीवेज बह रहा है। लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। दुकान के सामने सीवर बहने से ग्राहक कतराते हैं। 4- राशनकार्ड बनवाने और उस पर नाम चढ़वाने के लिए विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है। कई बार

बहेगा। क्षेत्र के लोगों को सहूलियत होगी। आवागमन आसान होगा। 4- राशनकार्ड बनवाने के लिए मोहल्ले में कैंप लगवाया जाए। उसमें कार्ड बनाने के साथ ही नाम भी चढ़ाया जाए ताकि लोगों को विभाग का चक्कर न लगाना पड़े। 5- नगर निगम के वार्डों की तरह थानाक्षेत्रों का भी नये सिरे से सीमा निर्धारण होना चाहिए। इससे सीमा विवाद की स्थिति नहीं आएगी। कार्रवाई में तेजी आएगी। शिकायतें 1- पेयजल की पाइपलाइन नहीं बिछी है। प्लास्टिक की पाइप के सहारे घरों में पानी आ रहा है। कई बार पाइप फट जाने से परेशानी का समाना करना पड़ता है। 2- गलियों से लेकर घरों तक तारों का जाल है। पोल न होने से लोगों के घरों से तार गुजर रहे हैं। बारिश के दिनों में करंट फैलने का डर रहता है। 3- सीवर की सफाई न होने से सड़कों पर सीवेज बह रहा है। लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। दुकान के सामने सीवर बहने से ग्राहक कतराते हैं। 4- राशनकार्ड बनवाने और उस पर नाम चढ़वाने के लिए विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है। कई बार

जाती है। बोले, पुराने शहरी क्षेत्र में ही बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं तो नवशहरी क्षेत्रों की क्या दशा होगी। बताया कि हर साल वाटर टैक्स देते हैं। तब भी यह हाल है। पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें नहीं नई बस्ती मोहल्ला और बाजार में पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। बाजार में देर रात तक लोगों का आवागमन होता है। जो लाइटें लगी भी हैं, उनमें काफी दूरी है। इससे उनका पूरा लाभ मेनरोड पर चलने वालों को नहीं मिल पाता। मोहल्ले के भी कुछ हिस्सों में अंधेरा रहता है। मीरादेवी, बबिता देवी, सविता गुप्ता ने कहा कि अंधेरे से अनहोनी का डर रहता है। बताया कि कई बार लाइटें खराब होने की शिकायत की जाती है तो महीनों बाद बनती है। राशन के साथ सेहत की भी चिंता अरुण कुमार आदि के मुताबिक राशनकार्ड पर नाम चढ़वाने के लिए विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है। अरुण ने बताया कि चार साल पहले शादी हुई थी। पत्नी का नाम चढ़वाने के लिए कई बार विभाग गया लेकिन आज तक राशन कार्ड में उनका नाम नहीं दर्ज हो सका है। मीरा देवी, बबिता देवी, सविता गुप्ता, बाला गुप्ता ने बताया कि विभाग से संपर्क करने पर हर बार अलग-अलग कागजात की मांग होती है। रेखा देवी, मीरा ने बच्चों का नाम चढ़वाने के लिए कई माह से दौड़भाग की बात कही। इन सभी ने मोहल्ले में कैंप के जरिए राशन कार्ड बनवाने पर जोर दिया। वहीं मंगल प्रसाद, वीरेंद्र ने बताया किआयुष्मान कार्ड बनवाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने परिवार में छह सदस्य होने पर ही कार्ड बनवाने का नियम बना दिया है। इस नियम के चलते कई जरूरतमंद भी आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा पा रहे हैं। तीन थानों की सीमा से परेशानी जेश सोनकर, मंगल प्रसाद, वीरेंद्र, विनोद, मनोज कश्यप ने कहा कि वार्डों की तरह थानाक्षेत्रों का भी नए सिरे से परिसीमन होना चाहिए। बताया कि नई बस्ती के साथ आसपास का क्षेत्र पांडेयपुर-लालपुर, जैतपुरा और सारथान थाना से सटा हुआ है। जब कोई घटना दुर्घटना होती है तो तीनों थाने की पुलिस सीमाक्षेत्र को लेकर उलझ जाती है। कई बार बड़ी घटनाओं में कार्रवाई प्रभावित होती है। हमें भी सुनें कई माह से सीवर लाइन की सफाई नहीं हुई है। सड़कों पर सीवेज बह रहा है। ग्राहक दुकानों पर आने से कतराते हैं। – रामजनम विश्वकर्मा नगर निगम के ऑनलाइन पोर्टल का लाभ नहीं मिल रहाहै। वहां की गई शिकायत पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। – प्रदीप गुप्ता नई बस्ती पुराना शहरी क्षेत्र हैं। यहां आज तक पेयजल की पाइपलाइन नहीं बिछी है। प्लास्टिक की पाइप से जलापूर्ति होती है। – संजय गुप्ता बिजली के तारों के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वे नीचे लटक रहे हैं। वाहन से आने जाने में परेशानी होती है। – रेखा देवी गली 11 साल पहले बनी थी। फिर उसकी मरम्मत नहीं कराई गई। उबड़-खाबड़ रास्ते पर बरसात में समस्या बढ़ जाती है। – बबिता देवी कई लोगों के घरों की छतों से तार जा रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बारिश के दिनों में करंट का खतरा रहता है। – सविता गुप्ता नई बस्ती में पर्याप्त स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। देर रात तक लोगों का आवागमन होता है। जो लाइटें हैं भी, वे काफी दूरी पर हैं। – विनोद कुमार राशनकार्ड पर नाम चढ़वाने के लिए विभाग का चक्कर लगानादर्ज नहीं करा सका हूं। -अरुण कुमार नई बस्ती के साथ आसपास का क्षेत्र तीन थानों से लगा हुआ है। कोई घटना दुर्घटना होने पर पुलिस सीमा विवाद में उलझ जाती है। -प्रदीप गुप्ता पेयजल के लिए भूमिगत पाइप की व्यवस्था होनी चाहिए। प्लास्टिक की पाइप आए दिन फट जाती है। इससे बहुत दिक्कत होती है। – मीरा देवी …………………… सुझाव-शिकायतें सुझाव 1- क्षेत्र में पेयजल की भूमिगत पाइपलाइन बिछाई जाए। तभी समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। सीमेंट की पाइप लाइन बिछने से लोगों को सहूलियत होगी। 2- नई बस्ती में बिजली के पर्याप्त पोल लगाए जाएं। पुराने तारों को बदला जाए। गली और घरों से तार हटाए जाएं। तभी हादसे का डर दूर होगा। 3- सीवर लाइन की सफाई कराई जाए। इससे सड़कों पर सीवेजबहेगा। क्षेत्र के लोगों को सहूलियत होगी। आवागमन आसान होगा। 4- राशनकार्ड बनवाने के लिए मोहल्ले में कैंप लगवाया जाए। उसमें कार्ड बनाने के साथ ही नाम भी चढ़ाया जाए ताकि लोगों को विभाग का चक्कर न लगाना पड़े। 5- नगर निगम के वार्डों की तरह थानाक्षेत्रों का भी नये सिरे से सीमा निर्धारण होना चाहिए। इससे सीमा विवाद की स्थिति नहीं आएगी। कार्रवाई में तेजी आएगी। शिकायतें 1- पेयजल की पाइपलाइन नहीं बिछी है। प्लास्टिक की पाइप के सहारे घरों में पानी आ रहा है। कई बार पाइप फट जाने से परेशानी का समाना करना पड़ता है। 2- गलियों से लेकर घरों तक तारों का जाल है। पोल न होने से लोगों के घरों से तार गुजर रहे हैं। बारिश के दिनों में करंट फैलने का डर रहता है। 3- सीवर की सफाई न होने से सड़कों पर सीवेज बह रहा है। लोगों को आवागमन में

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